पिछले कुछ सालों में पोस्ट ऑफिस और बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर लोगों का झुकाव कम हुआ है. इसका बड़ा कारण निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए दूसरे विकल्प मिल गए है. इन दिनों ETF की खूब बात हो रही है. कुछ लोग तो ETF को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से निवेश के लिए बेहतर विकल्प मान रहे हैं. हालांकि अभी भी देश में ETF के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. लेकिन ये भी सच है कि निवेशक अब ETF के बारे में जानना गहराई से चाहते हैं.
ETF क्या होता है?
आसान तरीके से समझें तो ETF एक निवेश का विकल्प है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Funds) के जरिये शेयर बाजार में निवेश किए जाते हैं. ETF के माध्यम से शेयरों के एक सेट में निवेश किया जाता है. ये आमतौर पर एक खास इंडेक्स को ट्रैक करता है.
ETF कैसे खरीदें?
शेयर की तरह ही ETF को स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है. ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है. बिल्कुल जिस तरह आप शेयर खरीद और बेचते हैं. ETF में निवेश के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट होना जरूरी है.
ETF में कब निवेश करना चाहिए ?
ETF में निवेश करने वालों के लिए यही समय चुनना सबसे जरूरी होता है. आप बिना जानकारी के ईटीएफ में पैसे लगाकर फंस सकते हैं. इसलिए ETF निवेश का सबसे आसान तरीका है- ‘Buy on Dips’, यानी जब-जब बाजार में या ETF इंडेक्स में गिरावट आए आप ETF में पैसे लगा सकते हैं.
उदाहरण के लिए अगर महीने में 5 दिन ही शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो आप इन 5 दिन में ही ईटीएफ में पैसे लगाएं. अगर आपको 50000 रुपये ईटीएफ में लगाना है, तो आप उसे 5 भागों में बांट दें, और जिस-जिस दिन इंडेक्स में गिरावट देखने को मिले, उस-उस दिन 10-10 हजार करके निवेश कर दें
आपको बता दें निवेशकों के बीच ETF लोकप्रिय हो रहा है. इसका कारण शानदार रिटर्न है. कुछ ETF ने बीते एक साल में ही 100 फीसदी तक रिटर्न दिया है. ETF के जरिये इंडेक्स, कमोडिटी, बॉन्ड्स में निवेश किए जाते हैं.
ETF Investing का ये वीडियों जरुर देंखे