चीन में एक बार फिर से नया वायरस (HMPV) सामने आया है, जिससे शेयर बाजार में कोहराम मच गया है और निवेशक घबराए हुए हैं सबको कोरोना काल जैसा खौफ सता रहा है. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1258 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty) 388 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ है. निवेशक पिछले तीन महीने से लगातार परेशान हैं, और उन्हें अब समझ में नहीं आ रहा है कि बाजार इस तरह से क्यों गिर रहा है. निफ्टी पिछले 3 महीने से 24 हजार के आसपास बना हुआ है. माना जा रहा है कि जनवरी महीने में तेजी आएगी, क्योंकि 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा, और सरकार का फोकस इकोनॉमी पर है, इसलिए कई सेक्टर्स में कैपेक्स का ऐलान हो सकता है. लेकिन अभी तक बाजार को कहीं से बल मिलता नहीं दिख रहा है.
शेयर बाजार में गिरावट के बड़े कारण
1. चीन में नया वायरस: चीन में फिर नया वायरस HMPV सामने आया है, जिससे निवेशक घबराए हुए हैं. भारतीय बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण यही बताया जा रहा है, क्योंकि चीन में फैला इस नए वायरस का मामला कर्नाटक और गुजरात में मिल चुका है. हालांकि ये बहुत शुरुआत दौर में है और सरकार अलर्ट है, लेकिन निवेशकों के मन में कोरोना महामारी के जैसा डर पैदा हो गया है
2. वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव: पिछले कुछ समय से वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ अस्थिरता देखी गई है, जिसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा है. अमेरिका में 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेंगे, उसपर पूरी दुनिया की नजर है. अगर ट्रंप कड़े फैसले लेते हैं तो फिर उसका असर ग्लोबल मार्केट पर पड़ेगा
3. डॉलर की मजबूती: डॉलर का मजबूत होना, भारतीय इकोनॉमी के लिए सही संकेत नहीं है. फिलहाल एक डॉलर की कीमत बढ़कर 85.82 रुपये तक हो चुकी है. जिससे निर्यात और आयात दोनों पर असर पड़ रहा है. सीधे तौर पर इसका असर सरकारी खजाने पर पड़ रहा है. इसके अलावा विदेशी निवेशकों की भी बिकवाली जारी है. हर रोज विदेशी निवेशकों की बिकवाली शेयर बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण है
4. तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर सस्पेंस: इसी हफ्ते से भारतीय कंपनियां तीसरी तिमाही के नतीजे पेश करना शुरू कर देंगी. वहीं देश के सबसे बड़े बैंक HDFC ने तीसरी तिमाही का अपडेट दिया है, जो कमजोर नजर आ रहा है. जिससे आज बाजार का सेटींमेंट बिगड़ा है