स्टॉक मार्केट में हर दिन हो रही बड़ी गिरावट ने लोगों को डरा दिया है. पहले मिड और स्मॉल कैप कैटेगिरी में गिरावट देखने को मिल रही थी लेकिन अब तो लॉर्ज कैप में भी गिरावट देखने को मिली है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह गिरावट कब थमेगी? और अब क्यों हर दिन मार्केट टूट रहा है. क्योकि पिछले महीने से जारी बाजार में गिरावट से नए से पुराने निवेशक सभी डरे हुए हैं कि कहीं ये गिरावट और भारी ना हो जाए? आज का दिन भी शेयर बाजार के लिए बुरे सपने की तरह रहा और सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट की सुनामी के साथ कारोबार बंद हुआ.
एफआईआई की बिकवाली काफी ज्यादा रही और अमेरिकी बाजारों में गिरावट के संकेत आने से शेयर बाजार में वैल्यूएशन कम हो रहे हैं और इसका असर घरेलू शेयर बाजार की चाल पर देखा जा रहा है. आज के ट्रेड में बैंकिंग, ऑटो, मेटल, फार्मा सब बेहाल ही रहे और गिरावट के नए-नए रिकॉर्ड तोड़ते हुए और नीचे जाकर बंद हुए हैं. बीएसई का सेंसेक्स 984.23 अंकों या 1.25 फीसदी की भयानक गिरावट के साथ 77,690.95 के लेवल पर बंद हुआ है. इसके साथ ही एनएसई का निफ्टी 324.40 अंक या 1.36 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 23,559.05 के नीचे बंद हुआ है
आज 8 लाख करोड़ रुपये स्वाहा
स्टॉक मार्केट में मंगलवार की गिरावट के चलते बीएसई के मार्केट कैप में करीब 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी और BSE MCap घटकर 4.38 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया था. लेकिन आज एक और बड़ी गिरावट के बीच ये एक झटके में 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कम हो गया और गिरकर 4,30,36,059 करोड़ रुपये रह गया.
सेक्टर वाइज गिरावट
रियल्टी सेक्टर 3.17 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ और पीएसयू बैंक सेक्टर 3.08 फीसदी टूटा. 2.66 फीसदी की गिरावट मेटल में रही और ऑटो शेयर 2.17 फीसदी नीचे बंद हुए हैं. इसके बाद बैंक निफ्टी में 2.09 फीसदी की गिरावट रही और मिड-स्मॉल हेल्थकेयर शेयरों में 2.10 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार बंद हुआ है.
बाजार में कब आएगी तेजी
शेयर बाजार में कब तेजी आएगी इसको लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में एक हद तक का करेक्शन हो सकती है। ऐसे में बाजार में जल्द तेजी आने की उम्मीद है। मार्केट कभी भी बॉटम बना सकता है . हालांकि, अभी निफ्टी और सेंसेक्स अपने लो लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं
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आखिर हर दिन क्यों गिर रहा शेयर बाजार?
शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह बड़ी-बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे खराब आए हैं. रिलायंस से लेकर एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक के नतीजों ने सबसे ज्यादा डराया है.दूसरा बड़ा कारण अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में उछाल आया और डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो कि आज CPI महंगाई को बढ़ावा दे सकता है. निवेशक डॉलर की मजबूती को लेकर भी चिंतित हैं, क्योंकि एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद मजबूत अमेरिकी आर्थिक विकास और आक्रामक व्यापार नीतियों के कारण महंगाई बढ़ेगी. वहीं भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक तेजी से भाग रहे हैं. पिछले महीने 1 लाख करोड़ से ज्यादा का अमाउंट शेयर बाजार से निकाले गए थे. वहीं पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों ने 20 हजार करोड़ की निकासी की थी. कल रात में ग्लोबल मार्केट में भी गिरावट आई है. यूएस मार्केट से लेकर यूरोप, जापान और चीनी शेयर बाजार में भी गिरावट हावी रही. जिस कारण आज भारतीय शेयर बाजार भी दबाव में दिख रहा है
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